अगर आप भी Hyundai, Kia या BMW की कोई शानदार गाड़ी खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ज़रा रुकिए! इलेक्ट्रिक कार और लग्ज़री वाहनों के इस दौर में एक चौंकाने वाली खबर आई है। दक्षिण कोरिया में इन तीन दिग्गज कंपनियों को अपनी 16,000 से ज्यादा गाड़ियों को वापस मंगवाना पड़ा है। वजह? मैन्युफैक्चरिंग में खामी! और बात यहीं खत्म नहीं होती – इस लिस्ट में कई नामी ब्रांड जैसे Volvo, Mercedes-Benz, Jaguar और Nissan भी शामिल हैं। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्या हुआ कि इन महंगी गाड़ियों को भी रीकॉल करना पड़ा।
दक्षिण कोरिया में रीकॉल का मामला, लेकिन भारत में लॉन्च से पहले खतरे की घंटी
हाल ही में दक्षिण कोरिया की Ministry of Land, Infrastructure and Transport ने एक बड़ी घोषणा की है। उनके मुताबिक Kia, BMW Korea और Hyundai Motor ने कुल 16,577 गाड़ियों को रीकॉल करने का फैसला लिया है। ये कदम गाड़ियों में पाए गए गंभीर निर्माण दोषों के चलते उठाया गया है। ऐसे में भारत में इन गाड़ियों के लॉन्च से पहले यह खबर निश्चित रूप से लोगों के मन में चिंता बढ़ा रही है।
Kia की गाड़ियों में आग का खतरा – 12,949 यूनिट्स रीकॉल
इलेक्ट्रिक कार के साथ-साथ पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों में भी सुरक्षा का बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। Kia कंपनी ने अपनी 12,949 गाड़ियों को रीकॉल किया है, जिसमें Seltos जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल हैं। इन गाड़ियों में हाई-प्रेशर फ्यूल पाइप में खराबी पाई गई है, जिससे फ्यूल लीक हो सकता है और आग लगने का खतरा भी बढ़ सकता है। अब सोचिए, अगर यही मामला भारत में लॉन्च के बाद होता, तो कितना बड़ा नुकसान हो सकता था।
BMW की गाड़ियों में बैटरी चार्जिंग की दिक्कत
अब बारी है लक्ज़री ब्रांड BMW की। इस कंपनी ने अपनी 2,213 गाड़ियों को रीकॉल किया है। इसमें 11 मॉडल शामिल हैं, जिनमें 520i जैसा हाईएंड मॉडल भी आता है। खराबी 48V स्टार्टर-जनरेटर के गलत इंस्टॉलेशन में पाई गई है, जिसकी वजह से बैटरी चार्जिंग में समस्या आ सकती है। BMW जैसी ब्रांड से ऐसी लापरवाही की उम्मीद शायद ही कोई करता हो।
Hyundai की हाइड्रोजन बसों में डिजाइन की खामी
जहां दुनिया भर में इलेक्ट्रिक कार और ग्रीन फ्यूल की चर्चा हो रही है, वहीं Hyundai की हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस Elec City में बड़ी तकनीकी खामी सामने आई है। कंपनी को 1,390 यूनिट्स को वापस मंगवाना पड़ा है क्योंकि हाइड्रोजन डिस्चार्ज पोर्ट कैप का डिज़ाइन ठीक नहीं है। यह खामी सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े करती है।
Volvo, Mercedes-Benz और Nissan भी नहीं बचे
पिछले महीने की बात करें, तो Volvo Car Korea, Mercedes-Benz Korea, Jaguar Land Rover Korea, Nissan Korea और Man Truck & Bus Korea ने भी 1.17 लाख से ज्यादा गाड़ियों को रीकॉल किया था। इनमें से Volvo ने अकेले 95,573 गाड़ियों को वापस बुलाया, क्योंकि ड्राइविंग डेटा ठीक से रिकॉर्ड नहीं हो रहा था। Mercedes-Benz ने 17,285 गाड़ियों को रीकॉल किया क्योंकि उनके ब्रेक होज़ेस में मजबूती की कमी थी। Jaguar और Nissan में भी कैमरा और हुड जैसे अहम हिस्सों में खामी पाई गई।
भारत में लॉन्च होने वाली गाड़ियों के लिए चेतावनी
अब सवाल ये उठता है कि जो गाड़ियाँ दक्षिण कोरिया में रीकॉल की गई हैं, क्या वही गाड़ियाँ भारत में लॉन्च होने वाली हैं? अगर हाँ, तो भारत के ग्राहकों को पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए। इलेक्ट्रिक कार, Hyundai, Kia या BMW – चाहे कोई भी ब्रांड हो, अगर निर्माण में खामी हो तो गाड़ी की कीमत या नाम कोई मायने नहीं रखता।
ग्राहकों को जागरूक रहने की जरूरत
भारत में ग्राहक अक्सर ब्रांड नेम और लुक्स देखकर गाड़ी खरीदते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि तकनीकी पहलुओं पर भी उतना ही ध्यान दिया जाए। चाहे Tesla Model Y जैसी इलेक्ट्रिक कार हो या Hyundai Seltos, रियल लाइफ में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए गाड़ी की बनावट और फिनिशिंग सबसे जरूरी होती है।
अंतिम तड़का: लाखों की गाड़ी हो या करोड़ों की, जान सबसे कीमती है!
गाड़ी चाहे Tesla Model Y हो या BMW 520i, ब्रांड का बड़ा नाम अब भरोसे की गारंटी नहीं रहा। भारत में लॉन्च होने वाली किसी भी गाड़ी को खरीदने से पहले उसके तकनीकी रिव्यू, सेफ्टी फीचर्स और पूर्व रीकॉल हिस्ट्री की जानकारी ज़रूर लें। वरना लाखों खर्च करने के बाद भी पछताना पड़ सकता है। आज के दौर में जब इलेक्ट्रिक कार और हाइड्रोजन जैसे फ्यूचर फ्यूल की गाड़ियाँ आ रही हैं, तो ग्राहकों को भी थोड़ा अपडेटेड और जागरूक रहना होगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक गलत जानकारी या नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।