Fake Petrol Identification Tips :आजकल का ज़माना ऐसा हो गया है कि बाइक में पेट्रोल भरवाते वक्त भी शक होने लगा है कि कहीं नकली पेट्रोल तो नहीं डलवा दिया। और ये शक बेवजह नहीं है! Fake Petrol की पहचान अब बहुत ज़रूरी हो गई है, क्योंकि अगर आपकी बाइक या गाड़ी में नकली पेट्रोल चला गया, तो सीधे इंजन का राम नाम सत्य हो सकता है। पेट्रोल पम्प वाले मुनाफ़ा कमाने के चक्कर में कभी-कभी ऐसी हरकत कर जाते हैं कि आम आदमी का पैसा भी बर्बाद होता है और गाड़ी भी।
Fake Petrol Identification Tips
पेट्रोल की कीमतें और मिलावट का खेल
Petrol और Diesel की कीमतें पहले ही जेब पर बोझ बन चुकी हैं। जब दाम बढ़ते हैं तो कई बार पेट्रोल पम्प वाले सस्ते केरोसीन या पानी मिलाकर पेट्रोल बेचने लगते हैं। ऐसे Fake Petrol से न सिर्फ गाड़ी की परफॉर्मेंस गिरती है, बल्कि इंजन भी भारी नुकसान झेलता है। इसीलिए Fake Petrol Identification अब हर गाड़ी वाले के लिए जरूरी हुनर बन चुका है।
नकली पेट्रोल की पहचान कैसे करें?
अब सवाल ये उठता है कि जब कोई पेट्रोल पम्प पर जाए, तो कैसे पता करे कि जो पेट्रोल मिल रहा है वो असली है या नकली? इसके लिए कुछ देसी तरीके हैं जो एक मिनट में ही पेट्रोल की सच्चाई खोलकर रख देंगे।
वॉटर टेस्ट: सच्चाई पानी की तरह साफ
सबसे आसान तरीका है वॉटर टेस्ट। एक ट्रांसपेरेंट बोतल लें और उसमें थोड़ा पेट्रोल डालें। अब उसमें कुछ बूंदें पानी की मिलाएं। अगर पेट्रोल असली है, तो पानी नीचे बैठ जाएगा और पेट्रोल ऊपर रहेगा। लेकिन अगर पेट्रोल नकली है, तो पानी और पेट्रोल आपस में घुल जाएंगे और एक अजीब सा धुंधला घोल बन जाएगा। इस टेस्ट से Fake Petrol का तुरंत खुलासा हो जाता है।
टिश्यू पेपर टेस्ट: निशान छोड़ता है धोखा
टिश्यू पेपर पर कुछ बूंदें पेट्रोल की डालिए और उसे सूखने दीजिए। अगर टिश्यू पर कोई निशान रह जाता है, तो समझ लीजिए पेट्रोल मिलावटी है। असली पेट्रोल एकदम साफ उड़ जाता है, पीछे कुछ नहीं छोड़ता। लेकिन नकली पेट्रोल कुछ न कुछ दाग छोड़ जाता है, जैसे कोई धोखा देकर चला गया हो।
स्मेल टेस्ट: नाक बोले तो मानो
Petrol की असली गंध हम सब पहचानते हैं। अगर पेट्रोल की स्मेल में कुछ गड़बड़ लगे, यानी अजीब गंध आए या बिलकुल गंध ही ना आए, तो ये मिलावटी हो सकता है। मिलावट में आमतौर पर केरोसीन, नेफ्था या पानी मिलाया जाता है, जिससे गंध बदल जाती है। Fake Petrol Identification में ये तरीका बहुत कारगर है।
ड्रॉप टेस्ट: उंगली बताएगी सच्चाई
एक और देसी तरीका है ड्रॉप टेस्ट। पेट्रोल की कुछ बूंदें उंगलियों पर डालिए और महसूस कीजिए। अगर उसमें चिकनाई महसूस हो रही है, तो मिलावट पक्की समझिए। असली पेट्रोल पानी जैसा होता है, न चिकनाई देता है न निशान छोड़ता है। हाथ से टेस्ट करने से भी बहुत हद तक पता चल सकता है कि पेट्रोल सही है या नकली।
Fake Petrol से क्या नुकसान होता है?
Fake Petrol ना सिर्फ बाइक के माइलेज को गिरा देता है बल्कि इंजन के पुर्जों को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे इंजन सीज हो सकता है, स्पार्क प्लग खराब हो सकते हैं और फ्यूल सिस्टम पूरी तरह से चोक हो सकता है। एक बार अगर इंजन में नकली पेट्रोल चला गया, तो गाड़ी को मेकेनिक के पास ले जाना तय है। ऊपर से खर्चा भी हजारों में पहुंच सकता है।
कैसे बचें नकली पेट्रोल से?
सबसे पहले तो भरोसेमंद पेट्रोल पम्प से ही पेट्रोल भरवाएं। हमेशा एक ही भरोसेमंद पम्प से भरवाने की आदत डालें। अगर पेट्रोल की क्वालिटी पर ज़रा भी शक हो, तो ऊपर बताए गए Fake Petrol Identification टेस्ट ज़रूर करें। पेट्रोल भरवाने के बाद अगर गाड़ी झटके खाने लगे, आवाज़ ज़्यादा करे या स्मूथ ड्राइव न दे, तो समझ जाइए कि पेट्रोल में कुछ तो गड़बड़ है।
अब जमाना ऐसा है कि आंख मूंद के किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता, खासकर जब बात पेट्रोल की हो। अपने मेहनत की कमाई और गाड़ी की सेहत का सवाल है, तो थोड़ा चौकस रहना ही समझदारी है। अगर एक मिनट के इन देसी टेस्ट से आप नकली पेट्रोल पकड़ सकते हैं, तो क्यों न रोज़मर्रा में इन्हें अपनाया जाए?
अब अगली बार जब पेट्रोल पम्प जाएं, तो एक बोतल, एक टिश्यू और अपनी नाक साथ जरूर ले जाएं। और अगर पेट्रोल की सच्चाई पर शक हो, तो बिना हिचक जांच लीजिए। क्योंकि गाड़ी आपकी है, इंजन आपका है और नुकसान भी आपको ही झेलना पड़ेगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक गलत जानकारी या नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।