क्या आपको पता है कि जिस सड़क से आप रोज़ निकलते हैं, वो सिर्फ सफर का जरिया नहीं बल्कि देश की ताकत भी है? जी हाँ, सड़कें केवल गाड़ियाँ दौड़ाने के लिए नहीं होतीं, ये देश की तरक्की की असली रफ्तार तय करती हैं। अब ज़रा सोचिए, जब भारत दुनिया के सबसे बड़े रोड नेटवर्क वाले देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर है, तो इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि भारत की सड़कें अब अमेरिका को सीधी टक्कर देने लगी हैं।
अमेरिका सबसे ऊपर, लेकिन भारत की चाल भी तेज़
दुनिया का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क अमेरिका के पास है। वहां की सड़कों की कुल लंबाई करीब 68 लाख किलोमीटर है। उसमें भी पैन अमेरिका हाईवे का नाम सुनते ही हर किसी की आंखें खुल जाती हैं, जो 14 देशों से होकर करीब 30,000 किलोमीटर में फैला हुआ है। लेकिन अब भारत भी पीछे नहीं है। “भारत रोड नेटवर्क रैंकिंग” में हमारा देश दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क बन चुका है। भारत की कुल सड़क लंबाई 63.7 लाख किलोमीटर तक पहुंच चुकी है, जो विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई दे रही है।
भारत में सड़कों का फैलाव – गडकरी स्टाइल में विकास
अगर भारत के सड़क नेटवर्क की बात करें, तो यहां सबसे अहम भूमिका निभाता है नेशनल हाईवे 44। यह हाइवे कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3,745 किलोमीटर लंबा फैला हुआ है। साथ ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट भी इस लिस्ट को और मजबूत कर रहे हैं। यह एक्सप्रेसवे 1,200 किलोमीटर लंबा है और जब पूरी तरह बनकर तैयार होगा, तब दिल्ली से मुंबई की दूरी सिर्फ 12 घंटे में तय की जा सकेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अक्सर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी का जिक्र करते हैं—”अमेरिका की सड़कें इसलिए अच्छी नहीं हैं क्योंकि अमेरिका अमीर है, बल्कि अमेरिका अमीर इसलिए है क्योंकि उसकी सड़कें अच्छी हैं।” यही सोच आज भारत की सड़क नीति की नींव है, और यही वजह है कि “Largest Road Infrastructure” में भारत की पकड़ और मजबूत हो रही है।
भारत को टक्कर देने वाले देश
भारत के बाद इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है चीन, जहां का सड़क नेटवर्क 53 लाख किलोमीटर लंबा है। चीन का G219 हाइवे करीब 10,000 किलोमीटर लंबा है और देश के बड़े हिस्सों को जोड़ता है। उसके बाद आता है ब्राजील, जिसके पास 20 लाख किलोमीटर का नेटवर्क है। वहीं, रूस 13 लाख किलोमीटर सड़कों के साथ पांचवें नंबर पर है।
सड़कें नहीं, सपनों का रास्ता
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में सड़कों की अहमियत सिर्फ कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है। ये सड़कें गांवों को शहरों से जोड़ती हैं, खेतों को मंडियों से, और लोगों के सपनों को हकीकत से। चाहे कोई किसान हो या व्यापारी, चाहे कोई छात्र हो या ड्राइवर, हर किसी की ज़िंदगी में सड़क का एक अहम रोल है।
जब बात सड़कों की होती है, तो यह भी जरूरी है कि उन सड़कों पर कौन दौड़ रहा है। थ्री-व्हीलर सेगमेंट में Bajaj का जलवा अब भी कायम है। Bajaj RE आज भी भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला थ्री-व्हीलर है। भारत में थ्री-व्हीलर का कारोबार सिर्फ सवारियों को ढोने का नहीं, बल्कि रोज़गार और रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने का जरिया है। और इस पूरे सेगमेंट में Bajaj ने अपनी तकनीक, भरोसे और परफॉर्मेंस से अपना एकछत्र राज कायम किया है।
हालांकि, अब Terra Motors जैसी विदेशी कंपनियाँ Kyoro+ जैसे इलेक्ट्रिक ऑटो लॉन्च करके मुकाबले को दिलचस्प बना रही हैं। लेकिन फिलहाल जो जमीनी पकड़ Bajaj के पास है, वो बाकी कंपनियों के लिए चुनौती है। अगर सड़कें बनती रहेंगी और थ्री-व्हीलर्स की मांग बढ़ती रहेगी, तो Bajaj का दबदबा बना रहेगा।
अब जब भारत की “Largest Road Infrastructure” की रैंकिंग टॉप 2 में है और “भारत रोड नेटवर्क रैंकिंग” को लेकर सरकार से लेकर आम जनता तक जागरूक हो रही है, तो ये साफ है कि आने वाला वक्त और भी शानदार होगा। जैसे-जैसे सड़कों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ेगी, वैसे-वैसे अर्थव्यवस्था, रोजगार और कनेक्टिविटी के नए दरवाजे खुलेंगे।
सड़कों की कहानी अब सिर्फ डामर और गिट्टी की नहीं रही। अब ये विकास, आत्मनिर्भरता और तेज़ी से बदलते भारत की पहचान बन चुकी है। अमेरिका चाहे आज सबसे ऊपर हो, लेकिन जिस रफ्तार से भारत दौड़ रहा है, वो दिन दूर नहीं जब “भारत रोड नेटवर्क रैंकिंग” में हम टॉप पर होंगे। और उस दिन हर गांव, हर शहर यही बोलेगा—“अब सड़कों का असली राजा भारत है!”
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