Maharashtra EV Policy 2025 : अब वो ज़माना गया जब ई-गाड़ियाँ सिर्फ अमीरों का शौक हुआ करती थीं। महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में जो नई Maharashtra EV Policy 2025 लागू की है, उसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। इस नई नीति का मकसद है कि 2030 तक महाराष्ट्र की सड़कों पर 30 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं। अब जब सरकार खुद इतनी मोटी सब्सिडी दे रही हो और टैक्स-टोल से भी छुटकारा दिला रही हो, तो क्यों न हर कोई बिजली से दौड़ती गाड़ियों की सवारी करे?
Maharashtra EV Policy 2025: क्या है असली खेल?
Maharashtra EV Policy 2025 को लेकर सरकार ने बड़ा दांव खेला है। 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक यह नीति लागू रहेगी, और इस दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने वालों को न केवल सब्सिडी मिलेगी, बल्कि टैक्स और टोल में भी जोरदार छूट दी जाएगी। सरकार का कहना है कि इस पॉलिसी से न केवल वायु प्रदूषण कम होगा, बल्कि ईंधन पर देश की निर्भरता भी घटेगी।
वाहनों की खरीद पर मिल रही है जबरदस्त सब्सिडी
इस नीति के तहत अगर आप इलेक्ट्रिक कार (खासकर ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल वाली) खरीदते हैं, तो आपको 2 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी। वहीं, अगर आप ई-बस खरीदते हैं, तो पूरे 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। इसके अलावा 1 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 25,000 चार पहिया ट्रांसपोर्ट वाहन और 1,500 ई-बसों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
Maharashtra EV Policy 2025 के तहत ये छूट केवल खरीद तक सीमित नहीं है। ई-वाहनों पर मोटर वाहन कर और पंजीकरण नवीनीकरण शुल्क से भी पूरी तरह छूट दी जाएगी। यानी एक बार खरीद लो, फिर लंबे समय तक झंझट ही नहीं।
टोल और टैक्स में बंपर छूट, जेब पर नहीं पड़ेगा बोझ
मुंबई-पुणे और मुंबई-नाशिक एक्सप्रेसवे पर अब ई-वाहनों के लिए टोल बिल्कुल मुफ्त होगा। और बाकी सड़कों पर टोल छूट को लेकर अलग से स्टियरिंग कमेटी फैसला लेगी। Maharashtra EV Policy 2025 के तहत यह एक बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे रोज ट्रैवल करने वालों की जेब में सीधा फायदा होगा।
हर मोड़ पर मिलेगा चार्जिंग पॉइंट, अब चिंता नहीं बैटरी की
अगर चार्जिंग की टेंशन में हैं, तो घबराइए मत। महाराष्ट्र सरकार हर 25 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाएगी। नई रिहायशी इमारतों में अब कम से कम एक सामुदायिक चार्जिंग पॉइंट होना अनिवार्य होगा। साथ ही, नई व्यावसायिक इमारतों को अपनी 50 प्रतिशत पार्किंग ईवी चार्जिंग के लिए रिजर्व करनी होगी। पुरानी कमर्शियल इमारतों में भी 20 प्रतिशत जगह पर ऑपरेशनल चार्जर लगाना अनिवार्य होगा।
सरकारी दफ्तरों की पार्किंग में भी कम से कम एक चार्जिंग पॉइंट होगा, और पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों को सेटअप लागत का 15 प्रतिशत सहयोग भी मिलेगा।
सरकारी विभाग भी बनेंगे रोल मॉडल
सरकार खुद भी इस नीति को लागू करने में पीछे नहीं रहेगी। अब से सभी नए सरकारी वाहन इलेक्ट्रिक ही होंगे। खासकर मुंबई, पुणे, नागपुर, नाशिक, छत्रपति संभाजीनगर और अमरावती जैसे बड़े शहरों में 50 प्रतिशत सिटी यूटिलिटी व्हीकल्स इलेक्ट्रिक होंगे। यह पहल दूसरों को भी ईवी अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
रिसर्च और टेक्नोलॉजी को मिलेगा जोरदार सपोर्ट
Maharashtra EV Policy 2025 सिर्फ गाड़ियों की खरीद-बिक्री तक सीमित नहीं है। सरकार बैटरी टेक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन, मोटर टेक्नोलॉजी और व्हीकल-टू-ग्रिड सिस्टम जैसी नई तकनीकों पर रिसर्च को भी बढ़ावा देगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ईवी अनुसंधान अनुदान के तहत 15 करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है।
सेफ्टी और एजुकेशन का भी रखा गया है ध्यान
परिवहन विभाग ईवी की सेफ्टी जांच के लिए ऑटोमैटिक टेस्टिंग स्टेशन बनाएगा, जिसमें बैटरी से जुड़ी थर्मल रनअवे जैसी टेस्टिंग भी शामिल होगी। इसके अलावा महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन अब इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी पढ़ाई को भी अपने सिलेबस में शामिल करेगा, जिसमें ईवी डिजाइन, बैटरी टेक्नोलॉजी और एनर्जी मैनेजमेंट जैसे कोर्स होंगे।
Maharashtra EV Policy 2025 एक ऐसा तगड़ा कदम है जो राज्य की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल सकता है। अब जब सरकार खुद बोल रही है कि लो सब्सिडी, छोड़ो टैक्स, चलाओ फ्री में एक्सप्रेसवे पर, तो देसी जनता को भी अब वक्त है अपनी सोच बदलने का। पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते भावों से छुटकारा चाहिए तो बिजली की सवारी अपनाइए। ये पॉलिसी ना सिर्फ जेब के लिए फायदेमंद है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक साफ-सुथरा भविष्य तैयार करेगी।
तो अब सवाल ये नहीं कि EV लोगे या नहीं, सवाल ये है – कौन-सी EV लोगे?
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक गलत जानकारी या नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।