क्या आपने कभी सोचा है कि जिसे दुनिया की सबसे लग्जरी कार कहा जाता है, वही Rolls-Royce एक समय भारत की सड़कों पर कचरा उठाने वाली गाड़ी बन गई थी? जी हां, यह कहानी है उस दौर की जब भारत के राजा सिर्फ़ शान से नहीं, बल्कि स्वाभिमान से भी जीते थे। और जब बात सम्मान की हो, तो फिर Rolls-Royce हो या कोई और ब्रांड – जवाब देसी अंदाज़ में ही मिलता था। आइए जानते हैं कि कैसे एक भारतीय राजा ने अपने अपमान का बदला लेकर Rolls-Royce को दुनियाभर में शर्मिंदा कर दिया।
Rolls-Royce बना देसी कूड़ा गाड़ी – जानिए किसने दिया था ये तगड़ा झटका
Rolls-Royce जैसी कारें अक्सर लोगों के सपनों में होती हैं। लेकिन भारत के अलवर राज्य के राजा जय सिंह प्रभाकर के लिए यह सिर्फ़ कार नहीं, बल्कि स्वाभिमान का मामला बन गई थी। यह वाकया 1920 के आसपास का है, जब राजा जय सिंह लंदन की यात्रा पर गए थे। शाही अंदाज़ की पहचान रखने वाले राजा उस दिन साधारण कपड़ों में थे और यूं ही घूमते-घूमते Rolls-Royce शोरूम पहुंच गए।
शोरूम में रखी 6 चमचमाती लग्जरी कारें उन्हें बेहद पसंद आईं। जब उन्होंने शोरूम स्टाफ से कहा कि वे सभी कारें खरीदना चाहते हैं, तो उन्हें मज़ाक समझकर अपमानित करते हुए बाहर निकाल दिया गया। कर्मचारियों को क्या पता था कि वे भारत के एक प्रभावशाली शासक से बद्तमीज़ी कर रहे हैं?
राजा जय सिंह का स्वाभिमानी बदला – Rolls-Royce की इज्जत उतार दी सड़कों पर
अपमान सहन करना किसी राजा के बस की बात नहीं थी। राजा जय सिंह ने अपने राजसी ओहदे का खुलासा अगले ही दिन किया और फिर वही Rolls-Royce डीलरशिप उनके स्वागत में रेड कार्पेट बिछाकर खड़ी हो गई। राजा ने बिना कोई बहस किए, सभी 6 कारें खरीद लीं और भारत भेजने का आदेश दिया।
अब Twist आया देसी अंदाज़ में – राजा ने इन सभी Rolls-Royce कारों को अपने निजी इस्तेमाल में लाने के बजाय, नगर निगम को सौंप दिया। इन कारों को कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के रूप में पूरे अलवर शहर में दौड़ाया गया। हर गली, हर नुक्कड़ पर Rolls-Royce को कचरा भरते देख लोग दंग रह गए।
Rolls-Royce की साख पर लगा दाग – OLA और Chetak भी होते तो कांप जाते
यह खबर जंगल की आग की तरह पूरी दुनिया में फैल गई कि भारत में Rolls-Royce से कचरा उठाया जा रहा है! यूरोप और अमेरिका के अमीर खरीददार सोच में पड़ गए – क्या यही है दुनिया की सबसे बड़ी लग्जरी कार? ब्रांड की प्रतिष्ठा को गहरा झटका लगा।
अगर उस दौर में OLA Electric या Chetak Electric Scooter जैसी कंपनियां होतीं, तो शायद वो भी Rolls-Royce का हाल देख कर अपनी रणनीति बदल लेतीं। जब एक देसी राजा इतनी बड़ी कंपनी को घुटनों पर ला सकता है, तो बाकी कंपनियों का क्या ही कहना?
Rolls-Royce ने मांगी माफ़ी – गाड़ियों की लाइन लगाकर चुकाया मोल
ब्रिटिश कंपनी ने जैसे ही हालात को समझा, उन्होंने तुरंत राजा जय सिंह से माफ़ी मांगी। टेलीग्राम के ज़रिए स्टाफ की गलती का खेद प्रकट किया गया। इसके बाद Rolls-Royce ने राजा से निवेदन किया कि वे कृपया गाड़ियों को कूड़ा उठाने के काम से हटा लें। इतना ही नहीं, कंपनी ने राजा को बिना किसी कीमत के 6 और गाड़ियां उपहार में देने की पेशकश की।
राजा जय सिंह ने राजसी दिल दिखाते हुए माफ़ी स्वीकार की और Rolls-Royce को अपने पुराने सम्मान पर वापस आने का मौका भी दे दिया। इस पूरे मामले से यह बात साबित हो गई कि कपड़ों से नहीं, व्यक्तित्व से आदमी की पहचान होती है।
देसी स्वाभिमान की मिसाल – Rolls-Royce को सिखाया सबक
इस ऐतिहासिक घटना ने न केवल Rolls-Royce को सबक सिखाया, बल्कि पूरी दुनिया को भी यह एहसास कराया कि भारत की मिट्टी में जन्मा हर इंसान अपने आत्मसम्मान के लिए कुछ भी कर सकता है। आज भी जब Rolls-Royce की बात होती है, तो भारत की इस कहानी का ज़िक्र ज़रूर होता है।
तो दोस्तों, अगली बार जब आप कोई महंगी चीज़ देखें या किसी आम आदमी को कम समझें, तो यह कहानी याद रखिएगा। क्योंकि कभी-कभी कूड़ा गाड़ी भी इतिहास बना जाती है, और राजा की चुप्पी से बड़े-बड़े ब्रांड हिल जाते हैं।
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