Toyota Fortuner : अगर आपके भी दिल में दमदार और रॉयल लुक वाली SUV लेने का सपना पल रहा है, तो Toyota Fortuner का नाम तो जरूर सुना होगा। सड़क पर जब Fortuner निकलती है, तो लोग खुद-ब-खुद नजरें घुमा लेते हैं। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कितनी सैलरी वालों के लिए Toyota Fortuner खरीदना समझदारी वाला सौदा है? EMI का क्या हिसाब-किताब बैठेगा? आज हम इसी का पक्का देसी अंदाज में पूरा गणित समझाने वाले हैं।
Toyota Fortuner की कीमत और ऑन-रोड खर्चा
सबसे पहले बात करें Toyota Fortuner की कीमत की। Fortuner का बेस वेरिएंट आपको करीब 36 लाख रुपये की एक्स-शोरूम कीमत में मिलेगा। लेकिन सिर्फ यहीं खर्चा नहीं रुकता भइया, इसमें RTO टैक्स, इंश्योरेंस और दूसरे चार्जेज मिलाकर ऑन-रोड कीमत दिल्ली जैसे बड़े शहरों में करीब 41.73 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। यानी गाड़ी खरीदते वक्त सिर्फ कार के दाम नहीं बल्कि बाकी खर्चों का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
अब जब आप इतनी बड़ी SUV खरीद रहे हैं, तो पूरा पैसा एक साथ निकालना सबके बस की बात नहीं। इसी लिए लोग Fortuner को EMI पर खरीदने का ऑप्शन चुनते हैं।
Toyota Fortuner की डाउन पेमेंट और EMI का पूरा हिसाब
मान लीजिए आप Fortuner खरीदने के लिए बैंक से कार लोन लेते हैं। बैंक अमूमन कार की एक्स-शोरूम कीमत का 90% तक लोन दे देते हैं। यानी करीब 36 लाख रुपये के लोन पर आपको 10% यानी करीब 5 लाख रुपये डाउन पेमेंट देनी होगी।
अगर आप ये लोन 9% की ब्याज दर पर 7 साल के लिए लेते हैं, तो आपकी हर महीने की EMI लगभग 58,000 रुपये के आसपास आएगी। भइया, इतनी मोटी EMI हर किसी के बस की बात नहीं है। अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो इस EMI को देना तो दूर, घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाएगा।
कितनी सैलरी में खरीदें Toyota Fortuner?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर कितनी सैलरी वालों को Toyota Fortuner खरीदनी चाहिए? फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपकी EMI, आपकी सैलरी का 40-50% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। यानी अगर आपकी सैलरी 50,000 रुपये है तो आपकी EMI ज्यादा से ज्यादा 20,000 से 25,000 रुपये होनी चाहिए। Fortuner की EMI इससे कहीं ज्यादा है।
अगर आप कोई एक्स्ट्रा इनकम कर रहे हैं या फिर आप 10-12 लाख रुपये तक की बड़ी डाउन पेमेंट देने की स्थिति में हैं तो आप इस SUV को खरीदने का सोच सकते हैं। वरना इस रेंज में Tata Nexon, Maruti Brezza और Kia Sonet जैसी SUVs ज्यादा किफायती और समझदारी वाला ऑप्शन होंगी।
साफ बात कहें तो अगर आपकी सैलरी 1.5 लाख रुपये महीना या इससे ऊपर है, तभी आप Fortuner जैसी बड़ी गाड़ी को बिना आर्थिक दबाव के खरीद सकते हैं। वरना EMI के बोझ तले परिवार का बाकी बजट गड़बड़ा सकता है।
Toyota Fortuner के दमदार इंजन और लग्जरी फीचर्स
अब जरा जान लेते हैं कि आखिर क्यों लोग Toyota Fortuner को इतना पसंद करते हैं। Fortuner दो इंजन विकल्पों में आती है। एक है 2.7 लीटर पेट्रोल इंजन और दूसरा है 2.8 लीटर टर्बो डीजल इंजन। दोनों ही इंजन दमदार परफॉर्मेंस और शानदार पिकअप देते हैं।
सेफ्टी के मामले में Toyota Fortuner काफी आगे है। इसमें 7 एयरबैग्स, ABS, EBD और हिल स्टार्ट असिस्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं। यही नहीं, Fortuner का बड़ा 9-इंच टचस्क्रीन सिस्टम, वायरलेस चार्जर और 360 डिग्री कैमरा जैसी प्रीमियम सुविधाएं इसे एक परफेक्ट लग्जरी SUV बना देती हैं।
इसके अलावा, सड़क पर इसकी मजबूत रोड प्रेजेंस और ऊंचाई से आपको एक रॉयल फील भी मिलेगा। शायद इसीलिए नेताओं से लेकर सेलिब्रिटीज तक की पहली पसंद Toyota Fortuner ही रहती है।
क्या मिडिल क्लास को Fortuner खरीदनी चाहिए?
अब आते हैं असली सवाल पर। क्या मिडिल क्लास आदमी को Toyota Fortuner खरीदनी चाहिए? भइया, दिल तो सबका करता है कि ऐसी शानदार SUV घर में खड़ी हो। लेकिन जेब का भी ख्याल रखना जरूरी है।
अगर आपकी सैलरी 1.5 लाख रुपये या इससे ज्यादा है और आपके पास मोटी डाउन पेमेंट देने का जुगाड़ है तो Fortuner लेना समझदारी वाला फैसला होगा। लेकिन अगर EMI भरने के चक्कर में बाकी खर्चे कटौती करने पड़ें तो फिलहाल छोटी SUV से शुरुआत करें। जब कमाई बढ़े तब Fortuner की तरफ कदम बढ़ाएं।
देखो भइया, Toyota Fortuner कोई आम SUV नहीं है। ये तो स्टेटस सिंबल है। सड़क पर निकले नहीं कि सबकी नजरें घूरने लगती हैं। लेकिन गाड़ी खरीदने से पहले EMI का पूरा हिसाब जरूर लगा लेना चाहिए।
अगर आपकी कमाई मजबूत है, बड़ी डाउन पेमेंट देने का मन है और हर महीने 58,000 रुपये की EMI देने में दिक्कत नहीं है, तो Fortuner के मजे लो। वरना Tata Nexon, Maruti Brezza और Kia Sonet जैसी किफायती SUVs आपके लिए फिलहाल ज्यादा सही रहेंगी।
आखिर में गाड़ी तो वही बढ़िया जो जेब और दिल दोनों को खुश रखे। Fortuner का सपना अधूरा न रहे इसके लिए सही समय का इंतजार करना भी समझदारी होगी।
यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। लेखक या प्रकाशक गलत जानकारी या नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं।