गर्मी का मौसम शुरू होते ही कार में बैठना किसी तपते तंदूर से कम नहीं लगता। AC ऑन करने के बाद भी राहत मिलने में कुछ मिनट तो लग ही जाते हैं। लेकिन सोचिए अगर आपकी कार की सीट ही ठंडी हवा फेंकने लगे, तो कैसा रहेगा? जी हां, आज हम बात कर रहे हैं Ventilated car seats की, यानी ‘पंखे वाली सीट्स’ जो गर्मी के मौसम में बन सकती हैं आपकी सबसे बड़ी साथी।
अब सीट देगी ठंडी हवा, AC को मिलेगी छुट्टी!
आजकल मार्केट में कई कारें ऐसी आ रही हैं, जिनमें वेन्टिलेटेड सीट्स का ऑप्शन दिया जा रहा है। मतलब अब सिर्फ AC ही नहीं, आपकी सीट खुद ही हवा फेंकेगी और आपको बैठे-बैठे ही राहत दिलाएगी। खास बात ये है कि अब ये फीचर सिर्फ महंगी कारों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि मिड-रेंज मॉडल्स में भी आने लगा है।
Maruti Nexa XL6, Toyota Fortuner और Hyundai की कई कारों में आपको ये आरामदायक सुविधा देखने को मिलेगी। तो अब जब आप ट्रैफिक में फंसे हों या धूप में कार पार्क करके लौटे हों, सीट पर बैठते ही ठंडक महसूस होगी – बिना किसी इंतजार के।
क्या होती हैं ये वेंटिलेटेड सीट्स? जानिए देसी अंदाज में
सीधे शब्दों में कहें तो वेंटिलेटेड सीट्स वो सीटें होती हैं जिनके कुशन के अंदर छोटे-छोटे पंखे लगे होते हैं। ये पंखे सीट के अंदर से हवा को या तो आपकी बॉडी की तरफ फेंकते हैं या फिर आपके शरीर की गर्म हवा को एब्ज़ॉर्ब करके बाहर निकाल देते हैं। इससे होता ये है कि सीट पर बैठते ही एक ठंडी-ठंडी ताजगी का अहसास होता है।
अब आप सोचेंगे कि ये तो सीट कूलिंग है! लेकिन जनाब, थोड़ा फर्क समझ लीजिए। Ventilated seats ठंडी हवा फेंकने वाली ठंडी सीटों से अलग होती हैं। इनमें कूलिंग कॉइल नहीं होतीं, यानी ये फ्रिज जैसी ठंडी हवा नहीं मारतीं। बल्कि ये एक तरह का ‘एयर सर्कुलेशन’ सिस्टम बनाती हैं, जो आपकी बॉडी के नीचे से गर्मी को बाहर निकाल देती हैं।
कैसे करती हैं ये सीटें काम? जानिए तकनीक का देसी राज
इन सीट्स की अपहोल्स्ट्री यानी कपड़े में बारीक-बारीक छेद होते हैं, जिनमें से हवा आती-जाती रहती है। सीट के नीचे लगे पंखे चलते रहते हैं और सीट के भीतर एक अच्छा खासा एयर फ्लो बना देते हैं। जब ये हवा आपकी बॉडी और सीट के बीच से गुजरती है, तो आपकी बॉडी पर पसीना नहीं जमता और आप पूरे सफर के दौरान ठंडक महसूस करते हैं।
Hyundai की कारों में तो कुछ सीट्स ऐसी होती हैं जो एयर को आपकी बॉडी से खींच लेती हैं और फिर एक ‘कंडेन्सेशन इफेक्ट’ बनाती हैं, जिससे सीट खुद-ब-खुद ठंडी हो जाती है। यही तो है असली कमाल! बिना कोई ठंडी गैस, बिना कोई मोटी वायरिंग – बस पंखे और हवा का कमाल।
कौन-कौन सी कारें दे रही हैं ये मजेदार फीचर?
भारत में अब कई कार कंपनियां अपने मिड और टॉप मॉडल्स में वेंटिलेटेड सीट्स देने लगी हैं। Maruti Nexa XL6, Toyota Fortuner, Hyundai Verna, Hyundai Creta, Kia Seltos जैसी कारें अब इस फीचर के साथ बाजार में मिल रही हैं। मतलब अब लग्जरी का मजा लेना है तो करोड़पति बनने की ज़रूरत नहीं।
हालांकि ये सीट्स ज्यादातर फ्रंट यानी आगे की दो सीट्स में ही मिलती हैं, लेकिन कुछ महंगी SUVs में रियर सीट्स में भी ये सुविधा दी जाती है।
गर्मी में अब नहीं होगा सीट पर बैठते ही जलने का डर!
सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब जब आप गर्मियों में धूप में खड़ी कार में बैठेंगे, तो सीट का तापमान आपको झटका नहीं देगा। जहां पहले सीट पर बैठते ही ऐसा लगता था जैसे तवा गरम हो गया हो, अब वहीं पर आपको एक हल्की सी ठंडक महसूस होगी। और यही तो चाहिए इस तपती गर्मी में – बिना पसीना बहाए, बिना कपड़े खराब किए, आरामदायक सफर!
सिर्फ शो-ऑफ नहीं, असली काम की चीज है ये
कई लोग सोचते हैं कि वेंटिलेटेड सीट्स सिर्फ दिखावे के लिए होती हैं। लेकिन अगर आप एक बार गर्मियों में लंबी ड्राइव पर निकले हों, तो आपको इसका असली फायदा समझ आएगा। ये न सिर्फ शरीर को आराम देती हैं बल्कि ड्राइविंग एक्सपीरियंस को भी बेहतर बनाती हैं। जब आप ठंडी सीट पर बैठेंगे तो गाड़ी चलाने में भी मजा आएगा और थकान भी कम होगी।
अब गाड़ी सिर्फ स्टाइल के लिए नहीं, कूलिंग के लिए भी हो गई तैयार!
जहां एक तरफ लोग कार की टॉप स्पीड, माइलेज और इंजन की बात करते हैं, वहीं अब नया ट्रेंड ये है कि आपकी सीट कितनी ‘कूल’ है! Ventilated seats ने कार ड्राइविंग को एक नया आयाम दे दिया है। अब AC ऑन करने से पहले ही सीट आपको ठंडक पहुंचाएगी और सफर को बना देगी एकदम शानदार।
अगली बार जब आप नई कार लेने की सोचें, तो सिर्फ उसके माइलेज या ब्रांड को न देखें। ये जरूर देखें कि उसमें वेंटिलेटेड सीट्स हैं या नहीं। क्योंकि गर्मियों में यही सीट्स होंगी जो आपके सफर को बनाएंगी ठंडा और आरामदायक – वरना बाकी सब फीचर तो धूप में पसीना-पसीना कर ही देंगे!
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी फीचर की पुष्टि कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट या डीलरशिप से अवश्य करें। लेख में दी गई जानकारी समय के साथ बदल भी सकती है।